दिल्ली
यूं तो दिल्ली में कई जिले हैं परंतु जमुना पार ऐसे ही बदनाम नहीं है। दिल्ली के उत्तर पूर्व जिले को संवेदनशील जिला माना जाता है यहां कुछ क्षेत्र ऐसे हैं जहां लगातार अपराधिक वारदातों जैसे हत्या गोली चलाना इस तरह के संगीत उत्तर पूर्वी जिले में दर्ज किए जाते हैं।
पुलिस के कड़े प्रयासों के बाद भी आखिर इन पर अंकुश क्यों नहीं लगता यह एक सवाल है। उत्तर पूर्वी क्षेत्र में कहां से इतनी आसानी से हथियार मुहैया होते हैं कैसे इतनी आसानी से नशा उपलब्ध होता है और कैसे युवा इसमें लिफ्ट होते जा रहे हैं यह भी एक सवाल और गहन अध्यन का विषय है।
अगर कुछ समय पहले की ही बात कही जाए तो उत्तर पूर्वी क्षेत्र वेलकम में दर्जनों गोलियां चली। दोनों जींस पैंट के कारोबारी है किसी जींस के माल को लेकर विवाद हुआ। इसके बाद विवाद इतना बड़ा की दोनों तरफ से गोलियां एक दूसरे पर चलने लगी और इस गोलीबारी के दौरान एक बेगुनाह लड़की के गोली भी लगी।
सवाल यह उठता है कि इतनी भारी मात्रा में अवैध हथियार और गोलियां कैसे और कौन मोहा कर रहा है? वहीं अगर नशे की बात की जाए इसमें सट्टा शराब और भी कई तरह की नशीले पदार्थ यमुनापार में बहुत ही आसानी से मिल जाते हैं। बढ़ते अपराध का नशा भी एक प्रमुख कारण बनता नजर आ रहा है। क्योंकि कई ऐसी घटनाएं घटित हुई जिसमें महेश कुछ रुपयों के लिए एक युवक ने दूसरे युवक को मौत के घाट उतार दिया।
जबकि पुलिस पुलिस की तरफ से कई प्रयास भी किया जा रहे हैं कई कम्युनिटी पुलिसिंग पर भी बोल देते हैं कई पीस कमेटी भी साथ पुलिस का सहयोग करती हैं परंतु सूत्रों की माने तो इन्हीं कमेटी के कुछ लोग अच्छा फेस और बेड फेस रखते हैं जो पुलिस के साथ रहकर भी गलत काम करवाते हैं। ऐसे में अपराध पर और खैर कानूनीकृत पर कैसे अंकुश लगे यह अपने आप में सवाल है।