दिल्ली
देश के अंदर आरटीआई एक्ट के माध्यम से तमाम लोग सरकार की जवाबदेही तय करते हैं पर आरटीआई यानी राइट टू इनफार्मेशन एक्ट अब सरकार संशोधित करने की बात कर रही है।
तमाम लोग जानते हैं बीते 17 साल से सूचना का अधिकार के माध्यम से तमाम घोटालों का खुलासा हुआ है आरटीआई एक्टिविस्ट लोग बने जिसके तहत सरकार की जवाब देगी तय करी गई।
परंतु सरकार का कहना है इस मानसून सत्र में आरटीआई एक्ट को संशोधित किया जाएगा जिसके अंदर डाटा प्रोटक्शन का हवाला देते हुए किसी भी व्यक्ति की निजी जानकारी साझा नहीं करी जाएगी।
आरटीए एक्टिविस्ट अंजलि भारद्वाज ने सोशल मीडिया पर जानकारी देते हुए बताया कि आज राशन, पेंशन, मनरेगा या इस तरह की तमाम चीज जिससे एक आम आदमी जुड़ा है उसके बारे में यदि कोई जानकारी लेता है तो नहीं दी जाएगी यह अपने आप में शर्मनाक है। यहां तक कि चुनावों की पारदर्शिता भी डाटा प्रोटेक्शन एक्ट का हवाला देते हुए साजन नहीं की जा सकती।
अब देखने वाली बात यह है कि यदि आरटीआई एक्ट में संशोधन होता है तो कितनी सूचना सरकार लोगों को बता पाएगी। अंजलि भारद्वाज और तमाम आरटीआई एक्टिविस्ट इस संशोधन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं पर इस प्रदर्शन का सरकार पर क्या असर होगा यह देखने वाली बात है।