दिल्ली
हाल फिलहाल में देश के अंदर संप्रदायिक तौर पर कई जगह हिंसा देखी जा रही है। इन हिंसाओ का पैटर्न भी एक जैसा ही दिख रहा है। इसी पर सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता मेहमूद प्राचा ने योगी मोदी की तुलना ज़ाकिर नाईक से कर डाली है।
मेहमूद प्राचा का कहना है देश के अंदर एससी एसटी और माइनोरिटी के साथ दिन प्रतिदिन अत्याचार बढ़ रहा है। गुजरात मॉडल को दोहराने की कोशिश की जा रही है। संविधान को कमजोर करने में आर एस एस और उसके सहयोगी संगठन जुटे हैं। इन तमाम समस्याओं के चलते चाइना और पाकिस्तान को फायदा पहुंचाने की कोशिश की जा रही है।
इस एजेंडे के तहत भारत की अर्थ व्यवस्था को भी नुकसान पहुंचाया जा रहा है। चुनाव में आतंकियों को टिकट बांटी जाएगी जिसका हवाला देते हुए मेहमूद प्राचा ने साध्वी प्रज्ञा का नाम लिया।
देश के अंदर तमाम धर्म सांसदों का हवाला देते हुए मेहमूद प्राचा ने कहा कि हिंदू राष्ट्रीय बनाने की एक पुरजोर कोशिश है, जो संविधान के ऊपर हावी होकर इस तरह के क्रत किए जा रहे हैं। कानून के तहत यह आतंकवादी गतिविधियां है जिसको देश के अंदर कुछ आतंकवादी अंजाम दे रहे हैं।
मेहमूद प्राचा ने ज़ाकिर नाइक का हवाला देते हुए बताया कि ज़ाकिर नाइक पर भी यह आरोप है, कि उनके भाषणों को सुनकर लोग आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे रहे थे और अब देश के अंदर वही चीज योगी मोदी का नाम लेकर आतंक फैलाने की प्रक्रिया देखी जा रही है। तो जो धाराएं ज़ाकिर नाइक पर लगाई गई है वहीं धाराएं मोदी और योगी पर भी लगनी चाहिए।