*नेपाल सरकार का भारत के खिलाफ एक और बड़ा कदम, पहली बार सीमा पर सेना तैनाती का फैसला*
01/06/2020 M RIZWAN
भारत के लिए इन दिनों मुश्किल का समय है. कोरोना वायरस की चुनौती के साथ ही उसके दो पड़ोसी देशों से रिश्ते खराब चल रहे हैं. एक तरफ चीन लद्दाख सीमा पर तनाव फैला रहा है तो दूसरी ओर नेपाल भारत के कुछ क्षेत्रों को अपना बताते हुए पहली बार भारत की सीमा पर सैनिक तैनात करने जा रहा है
नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने भारत की आपत्तियों के बावजूद बीते रविवार को संसद में विवादित नक्शा पेश कर दिया, इस नक्शे में भारत के कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को अपना बताया गया है. इसके बाद एक और विवादित फैसला लेते हुए भारत से लगी सीमा को बंद करते हुए पहली बार सेना की तैनाती करने का फैसला लिया है.
अभी तक नेपाल और भारत के बीच 1700 किलोमीटर की खुली सीमा थी जिससे बेरोकटोक आने जाने की आजादी थी. अब नेपाल ने कहा है कि तय 20 इंट्री प्वाइंट से आने जाने की इजाजत होगी. हालांकि ये भारत नेपाल के बीच 1950 में हुई मैत्री संधि के खिलाफ है.
नेपाल की सत्तधारी कम्युनिष्ट पार्टी हमेशा से ही इस संधि के विरोध में रही है. कम्युनिष्ट नेताओं का बड़ा एजेंडा भारत के साथ सभी तरह के सांस्कृतिक, धार्मिक, पारिवारिक और राजनीतिक संबंधों को समाप्त करना है.