कानपुर:-
लॉक डाउन के बाद समस्त देश में करोड़ों प्रवासी मजदूर पलायन करते नजर आ रहे हैं। मजदूरों को अपने घर वापस जाने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। सरकार द्वारा किए गए वादे विफल होते दिखाई दे रहे हैं। मजदूरों का कहना है की सरकार द्वारा कोई भी सुविधा प्राप्त नहीं हुई है।
उत्तर प्रदेश के कानपुर नगर में रामादेवी चौराहा लखनऊ इलाहाबाद हाईवे पर भारी तादाद में प्रवासियों की भीड़ देखी गई। जिसके बाद एंटी करप्शन इंडिया के संपादक अतहर हुसैन द्वारा लोगों से जानकारी प्राप्त की गई जिस पर प्रवासी मजदूरों ने बतायाकि उन्हें किसी भी तरह की कोई सुविधा सरकार द्वारा प्राप्त नहीं हो रही है।
मजदूरों का कहना है कि लॉक डाउन के चलते फैक्ट्रियां बंद हो गई हैं जिसके बाद वह बेरोजगार हो गए हैं और अब बेरोजगारी अपने चरम पर है जिसके बाद उनके पास कोई कार्य नहीं बचा और पैसे नहीं कमा पा रहे हैं जिसके चलते वह अपने घर अपने गांव वापस जा रहे हैं। अधिकतर मजदूर सूरत से उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में जा रहे हैं। पैसे ना होने के कारण मजदूर अपने मकानों का किराया नहीं दे पा रहे हैं जिसके चलते उनकी सर से छत भी छिन गई है।
मजदूरों का कहना है की सरकार ने ठीक ढंग से खाने का भी कोई प्रबंध नहीं किया था अपने निजी पैसे खर्च कर वह बसों द्वारा सूरत से कानपुर पहुंचे हैं जिसके बाद उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में जाने का प्रयास करेंगे।
हाईवे पर कुछ कैंप दिखाई दिए जिसकी जानकारी प्राप्त की तो पता चला कि प्रशासन द्वारा सहायता केंद्र लगाया गया है जिसके अंतर्गत प्रवासी मजदूरों के खाने-पीने वह कुछ मूल सुविधाएं प्रदान कराने हेतु प्रशासन ने कैंप लगाया है। जिसकी जानकारी प्रशासन से तैनात कैंप पर एक महिला ने दी। प्रशासन ने लोगों को जागरूक करने के लिए भी यह कैंप लगाया है व सरकार व प्रशासन जनता को पूर्ण जानकारी देकर यह सुनिश्चित कर रहा है कि करुणा महामारी गांव तक ना पहुंचे और सभी लोग सुरक्षित रहें। साथ ही पुलिस कर्मियों से भी जानकारी प्राप्त की।
हाईवे पर एक कैंप और भी दिखा जहां पर बीजेपी के पूर्व विधायक भदोरिया जी लोगों को खाना मोरया कराते नजर आए एंटी करप्शन इंडिया न्यूज़ ने पूर्व विधायक भदोरिया जी से जानकारी प्राप्त करें जिस पर भदोरिया जी ने बताया कि वह अपने क्षेत्र में अब तक 30000 मास्क बांट चुके हैं। और हाईवे पर कैंप लगाकर प्रवासी मजदूर भाइयों और बहनों की सेवा कर रहे हैं जिसमें वह मजदूरों को खाना पानी व अन्य खाने का सामान मास्क सैनिटाइजर इत्यादि मुहैया करवाते हैं।