प्रवासी मजदूरों की हालत पर भड़के पप्पू यादव! सरकार गरीबी नहीं गरीब को खत्म करना चाहती है।

दिल्ली:-


 


देशभर में लॉक डाउन के बाद सबसे बड़ा पहाड़ प्रवासी मजदूरों पर टूटा है। जिन्होंने इस लॉक डाउन में अपनी नौकरियां खोई, और अपने परिवार वालों को भी खो दिया।


 


करोड़ों की संख्या में लोगों ने पलायन करना शुरू किया था और मीलो चलकर अपने घरों तक का सफर तय किया जिसमें कई लोगों को अपनी जिंदगी से हाथ धोने पड़े, उस भूख की मौत में बच्चे भी शामिल रहे।



तकरीबन 70 दिन से ऊपर का समय होने जा रहा है और पलायन जारी है। मौजूदा सरकार के नेता मंत्री कोई भी जमीन पर दिखाई नहीं दिए है। जरूरतमंदों की मदद के लिए कोई सामने नहीं आ रहा। भले ही सरकार रेल के माध्यम से प्रवासी मजदूरों को उनके घर वापस भेजने का प्रबंध कर रही हो परंतु जो तस्वीरें सामने आ रही हैं वह दिल दहलाने वाले हैं। गर्भवती महिलाएं रेल में ही बच्चों को जन्म देती नजर आई वही मासूम ने अपनी मां को खो दिया। कहीं पर खाने की लूट हुई तो कहीं पर खाने को लेकर हत्या।


 


ऐसी परिस्थितियों को देख कर भी मौजूदा सरकार के मंत्री गायब है। परंतु एक नाम जो ऐसी परिस्थितियों में या कहा जाए जब भी एक मजबूर को या जरूरतमंद को किसी चीज की जरूरत होती है तो हमेशा एक नाम उभर के सामने आता है। पप्पू यादव लोग पप्पू यादव को गरीबों का मसीहा या कई जगहों पर रोबिन हुड भी कहा जाता है। अगर बिहार की बात करी जाए तो लालू और नीतीश के बाद अगर तीसरे नंबर पर पप्पू यादव का नाम लिया जाए तो गलत नहीं होगा।



 


इस मदद के नाम को पप्पू यादव ने इन परिस्थितियों में भी जिंदा रखा। पिछले 70 दिनों से जरूरतमंद लोगों को भोजन मोहिया करवाना जरूरतमंद लोगों को पैसे मोहिया कराना और हजारों लोगों को उनके वापस गांव भेजना। इन तमाम चीजों में पप्पू यादव नाम सर्वोत्तम रहा है। पूर्व सांसद पप्पू यादव सरकार में ना होते हुए भी जनप्रतिनिधि कैसा होना चाहिए इसको अपने कार्य से दर्शा रहे हैं। 


 


पप्पू यादव ने सरकार को पूरी तरह विफल बताया। बिना किसी चिंतन के निर्णय लेने से देश में यह परिस्थितियां उत्पन्न हुई है। देश के अंदर बेरोजगारी अपने चरम पर पहुंच रही है। देश में स्वतंत्रता से पहले भी ऐसी परिस्थितियां नहीं थी जो अब हो गई है। देश की जनता को गुमराह कर गरीबों का शोषण किया जा रहा है। 


पप्पू यादव ने प्रवासी मजदूरों की हालत को देखते हुए सरकार को लगाई फटकार। कहा कि पिछले 7 सालों में जो भी निर्णय सरकार ने लिए हैं वह विफल हुए हैं। चाहे वह नोटबंदी हो, चाहे जीएसटी या अन्य निर्णय और नीति।


 


पप्पू यादव ने सरकार की गरीबी हटाने की नीति को कुछ इस प्रकार बताया कि सरकार के तहत ना गरीब होगा ना हरि भी होगी। जिसके चलते सरकार को फर्क नहीं पड़ रहा कि गरीब चाहे पुलिस की लाठी से मरे या पेट की भूख से बस गरीब को मारना है। यहां तक की रेल में सवार गरीबों को भी किस तरह परेशान किया जा रहा है। यह देखने वाली बात है 40 ट्रेनें जिन्हें बिहार जाना था वह ओडिशा पहुंच गई जिसके चलते कई घंटे ट्रेनें लेट रहीं। ट्रेनों के अंदर किसी तरह का कोई खाना-पीना सरकार द्वारा नहीं दिया गया यहां तक कि शौचालयों के अंदर भी पानी उपलब्ध नहीं था। इस सरकार ने इंसान को जानवर से बदतर जिंदगी दे दी है।


 


परंतु ऐसी परिस्थितियों में और हर उस परिस्थिति में जब जब जनता को जरूरत होगी पप्पू यादव जनता के लिए हमेशा खड़ा मिलेगा क्योंकि जनता की सेवा वही कर सकता है जो जनता में से हो जनता का दर्द वही समझ सकता है। (राजेश रंजन)


 


 


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