*मुजफ्फरनगर हादसे को पप्पू यादव ने बताया हत्या, कहा- मोदी-योगी सरकार मजदूरों का ‘नरसंहार’ कर रही*
14/05/2020 M RIZWAN
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर से बेहद दर्दनाक खबर सामने आई है। यहां रोडवेज की बेकाबू बस ने प्रवासी मजदूरों को कुचल दिया। जिसमें 6 मज़दूरों की मौत हो गई, जबकि 4 गंभीर रूप से घायल हो गए। बताया जा रहा है कि मज़दूर पैदल ही पंजाब से बिहार के गोपालगंज जा रहे थे।
ये घटना थाना नगर कोतवाली क्षेत्र के मुजफ्फरनगर देवबंद सहारनपुर राजमार्ग टोल प्लाजा के करीब हुई। जानकारी के मुतबिक, बुधवार रात 11:45 बजे प्रवासी मज़दूरों की एक टोली इसी जगह से गुज़र रही थी। तभी पीछे से एक रोडवेज बस अाई और इन्हें कुचलते हुए निकल गई।
घटना की सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस के मुताबिक़ इस घटना में 6 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 4 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। सभी घायलों को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भिजवाया गया जहां उनकी हालत को गंभीर देखते हुए डॉक्टर ने उन्हें मेरठ रेफर कर दिया जहां उनका इलाज चल रहा है।
इस हादसे के बाद केंद्र और राज्य सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है। विपक्षी नेता इस हादसे को सरकार की नाकामी बता रहे हैं। बिहार के पूर्व सांसद पप्पू यादव ने तो इस हादसे को केंद्र और राज्य सरकार द्वारा किया गया मजदूरों का नरसंहार बता डाला है।
उन्होंने ट्विटर के जरिए कहा, “अवाक हूं! मर्माहत हूं! अभी सूचना मिली है कि बिहार के 10 मज़दूर पैदल घर आ रहे थे, सहारनपुर में यूपी रोडवेज की बस ने उन्हें कुचल दिया। छह लोगों की मौत हो गयी। यह दुर्घटना है लेकिन असल में यह हत्या है। देश और राज्य की सरकारें मिलकर इन सामूहिक नरसंहारों को अंजाम दे रही है।”
https://twitter.com/pappuyadavjapl/status/1260774926862086144?s=19
ग़ौरतलब है कि लॉकडाउन के चलते प्रवसी मज़दूर पैदल ही अपने घरों की ओर पलायन कर रहे हैं। वो ये पलायन इसलिए कर रहे हैं ताकि काम बंद होने की वजह से उन्हें घर से दूर भूखा ना मारना पड़े। लेकिन जिस मौत के खौफ से वो पलायन कर रहे हैं वो उनका पीछा नहीं छोड़ रही। आए दिन पैदल चल रहे मज़दूर हादसों का शिकार होकर काल के गाल में समा रहे हैं।
इससे पहले औरंगाबाद में 16 प्रवासी मजदूर ट्रेन से कटकर मर गए थे। सरकार की बदइंतेजमी का शिकार ये मज़दूर अपने घरों के लिए पटरी के रास्ते निकले थे। मज़दूरों को नहीं मालूम था कि जिस पटरी पर उनके लिए ट्रेनें नहीं चलाई जा रही उसपर मालगाड़ियां धड़ल्ले से दौड़ रही हैं। जानकारी के इसी अभाव में वो थककर पटरी पर ही सो गए और उन्हें मालगाड़ी ने कुचल दिया। इसी तरह कई मज़दूर सड़क पर पैदल चलने के दौरान भी हादसे के शिकार हुए हैं। ऐसे हादसों की फेहरिस्त लंबी है।