महिला केंद्रीय राज्य मंत्री ने अधिकारियों को दी धमकी, बोली भगवाधारी बीजेपी कार्यकर्ताओं को कम मत समझना

महिला केंद्रीय राज्य मंत्री ने अधिकारियों को दी धमकी, बोली भगवाधारी बीजेपी कार्यकर्ताओं को कम मत समझना


 


25/05/2020 मो रिजवान 



अपने आपत्तिजनक बयानों के चलते चर्चा में रहने वाली केंद्रीय राज्यमंत्री रेणुका सिंह एक बार फिर से विवादों में आ गई हैं. केंदीय आदिवासी मामलों के मंत्रालय की राज्य मंत्री सिंह अधिकारियों को बेल्ट उताकर पीटने की धम’की देते हुए नजर आई है. सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वह अधिकारीयों को धमकी देते हुए नजर आ रही है. वीडियो सामने आने के बाद से ही सोशल मीडिया यूजर्स लगातार उन पर निशाना साध रहे है.




मामला छत्तीसगढ़ का बताया जा रहा है. खबरों के अनुसार आरोप है कि सूबे के बलरामपुर के क्वारंटाइन सेंटर में दिल्ली से लौते एक युवा के साथ सीईओ और तहसीलदार ने मारपीट की थी. मारपीट के आरोप लगने के बाद रेणुका दौरे के लिए बलरामपुर क्वारंटीन सेंटर का दौरा करने पहुंची और इसी बीच उन्होंने अपना आपा खो दिया.


बताया जा रहा है कि इस दौरान रेणुका ने अधिकरियों को फटकारते हुए कहा कि भगवाधारी बीजेपी के कार्यकर्ताओं को कमजोर समझने की गलती मत करना. इसके बाद उन्होंने अधिकारीयों को ध’मकी भी थी जिसके चलते वह विपक्ष और सोशल मीडिया यूजर्स के निशाने पर आ गईं हैं और उनकी खूब आलोचना की जा रही हैं.


खबरों के अनुसार बलरामपुर के क्वारंटीन केंद्र में एक युवक के साथ कथित तौर पर की गई मा’रपीट को लेकर केंद्रीय राज्यमंत्री रेणुका सिंह भड़क गईं और उन्होंने आला अधिकारियों को धमकाते हुए कहा कि भगवाधारी बीजेपी के कार्यकर्ताओं को कमजोर समझने की गलती मत करना, जनपद में जो भेदभाव कर रहे हैं उसे भूल जाइए. अंधेरी कोठरी में ले जाकर मैं बेल्ट खोलकर ठोकना जानती हूं.


https://twitter.com/ManojJa37766871/status/1264439372855861249?s=19


 


जानकारी के अनुसार दिल्ली से 15 मई को लौटे बलरामपुर निवासी दिलीप गुप्ता को भी यहां क्वारंटाइन किया गया था. इसी दौरान वह युवक यहां की अव्यवस्था का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर वायरल कर रहा था.


इसकी सूचना पाते ही 16 मई की देर रात तहसीलदार शबाब खान व जनपद सीईओ विनय गुप्ता सेंटर पहुंचे.


इसी दौरान तहसीलदार शबाब खान व जनपद सीईओ विनय गुप्ता द्वारा दिलीप गुप्ता की पि’टाई करने का आरोप लगाया गया हैं.


इस घटना के बाद युवक को ग्राम डौरा के क्वारंटाइन सेंटर में शिफ्ट कर दिया गया था. मामले की शिकायत भी युवक के पिता द्वारा बलरामपुर थाने में की गई थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.


Featured Post

ट्रांसपोर्टोंरों कि आयोग गठन की मांग जायज: सुनील अग्रवाल

ट्रांसपोर्टोंरों को किसी भी तरह की कानूनी सहायता की जरूरत पड़े तो 24 घंटे तैयार: वेद भूषण शर्मा  सरकार 2 महीने में ट्रांसपोर्ट आयोग के गठन क...