*FIR होते ही सुधीर चौधरी ने मारा यू टर्न! जिस ‘जिहाद’ को बदनाम किया, अब उसी की कर रहे हैं तारीफ़*
10/05/2020 मो रिजवान
जिहाद का नाम लेकर सांप्रदायिक नफ़रत फैलाने वाले ज़ी न्यूज़ के एडिटर इन चीफ सुधीर चौधरी अब जिहाद की तारीफ़ करते नज़र आ रहे हैं। चार्ट बनाकर जिहाद के ख़िलाफ़ लोगों को भड़काने वाले सुधीर अब लोगों को बता रहे हैं कि अबतक जिहाद की सही व्याख्या नहीं की गई, इसे गलत तरीके से पेश किया गया।
सुधीर चौधरी में अचानक आए इस बदलाव की सोशल मीडिया पर जमकर चर्चा हो रही है। यूजर्स का मानना है कि उनके सुर में बदलाव का कारण उनके ख़िलाफ़ दर्ज की गई एफआईआर है। दरअसल, सुधीर चौधरी के ख़िलाफ़ 11 मार्च 2020 के डीएनए शो को लेकर केरल में गैर जमानती धाराओं में एक एफआईआर दर्ज कराई गई है। इस शो में सुधीर ने जिहाद को बदनाम करने के लिए एक चार्ट पेश किया था और अपने दर्शकों को इसी चार्ट के माध्यम से जिहाद की गलत व्याख्या समझाई थी।
ऐसा माना जा रहा है कि इसी एफआईआर से बचने के लिए सुधीर चौधरी को अब उस जिहाद की तारीफ करनी पड़ रही है, जिसे उन्होंने विवादित चार्ट के ज़रिए बदनाम करने की कोशिश की थी। लोगों का मानना है कि सुधीर खुद को कोर्ट में बैलेंस दिखा सकें इसलिए उन्हें नए शो में जिहाद पर अपने तेवर बदलने पड़े।
उन्होंने अपने नए शो में बताया कि जिहाद मुसलमानों के पवित्र स्तंभों में से एक है, जो पूरी तरह से न्यायपूर्ण है। ये मुसलमानों का वो पवित्र युद्ध है जिसमें अत्याचार की कोई जगह नहीं। उन्होंने बताया कि आतंकवादी जिसे जिहाद का नाम देते हैं वो असल में जिहाद है ही नहीं। इसको सदियों से गलत तरीके से पेश किया गया।
बता दें कि 11 मार्च को अपने शो डीएनए में सुधीर चौधरी ने एक चार्ट के ज़रिए जिहाद की कई किस्में बता डाली थीं। उन्होंने अपने दशकों को मुसलमानों के ख़िलाफ़ भड़काने के लिए शो में ये बताया था कि मुसलमान देश में कितने किस्म के जिहाद कर रहे हैं, जिससे सतर्क रहने की ज़रूरत है। उन्होंने शो में दावा किया था कि भारत में लव जेहाद की तरह ही ज़मीन जेहाद भी हो रहा है। उन्होंने तो शो में ये दावा तक कर दिया था कि ज़मीन जिहाद के ज़रिए देश को तोड़ने की कोशिशें की जा रही हैं।
आपको बताते चले जिसमें इंसान अपने अंदर की बुराई को खतम कर उसपे विजय हासिल करले और समय समय पर गलत कामों से बचना और अपने आपको बचाना ही असल जिहाद हैं क्योंकि इंसान का असली शत्रु उसके अंदर छुपी गलत ख्वाहिशात हैं और उस ख्वाहिशात को अपने अंदर जलाना या दफना देना ही असल जिहाद हैं किसी बेगुनाह या बिना वजह किसी इंसान को मारना जिहाद नहीं है गलत रास्ते से बचना जिहाद हैं सरल शब्दों मे यही जिहाद की परिभाषा है