रायपुर : बीजेपी पार्षद ‘जमातियों’ को बता रही थी कोरोना का ज़िम्मेदार, दर्ज हुई FIR
17/04/2020 M RIZWAN
बीजेपी नेताओं को अब भड़काऊ बयान देना भारी पड़ता नज़र आ रहा है। एक तरफ़ जहां बीजेपी नेता कपिल मिश्रा के ख़िलाफ़ भड़काऊ बयान देने के मामले में एफआईआर दर्ज किए जाने की मांग हो रही है, वहीं दूसरी तरफ़ जमातियों के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक पोस्ट करने के मामले में रायपुर से बीजेपी पार्षद विश्वदिनी पाण्डेय के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज कर ली गई है।
विश्वदिनी पाण्डेय के ख़िलाफ़ कोरोना महामारी के दौरान झूठे तथ्य और अफवाहों को प्रसारित करने, धार्मिक भावनाएं आहत करने के लिए IPC की धारा 153 ए, 295 ए, 505 (2) व 188 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
जिस फेसबुक पोस्ट के लिए पांडेय के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, उसमें उन्होंने लिखा था, “कोरोना जाली टोपी पहनकर घूम रहा है, सतर्क रहें”। पाण्डेय के इसी पोस्ट पर अधिवक्ता शहीद सिद्दीक़ी आपत्ति जताई और उनके खिलाफ सिविल लाइन पुलिस थाने में मामले को दर्ज कराया।
शाहिद सिद्दीकी ने बताया कि अप्रैल माह में आरोपी विश्वदिनी लगातार मुस्लिम धर्म के खिलाफ विवादित पोस्ट कर रही थी। जिसके बाद मेरे साथ 4-5 वकीलों के एक सेल ने उनके खिलाफ ये अपराध दर्ज कराया है। वहीं पुलिस से उन्होंने उक्त आरोपी को जल्द गिरफ्तार करने की भी मांग की है।
सिविल लाइन थाना प्रभारी सुशांतो बनर्जी ने बताया कि भाजपा नेत्री पर 4, 5 व 7 अप्रैल को अपने फेसबुक पोस्ट के माध्यम से धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाते हुए अधिवक्ता शाहिद सिद्दीकी ने शिकायत दर्ज करवाई है।
वहीं विश्वदिनी पांडे ने अपने ऊपर लगे आरोपों के जवाब में कहा कि अधिवक्ता शाहिद सिद्दीकी न ही उनके फेसबुक फ्रेंड हैं न ही उन्होंने किसी भी तरह सिद्दीकी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाई, जितनी ताकत-समय खर्च करके सिद्दीकी ने रिपोर्ट करवाई है उसमें से 2 मिनट निकालकर तबलीगी जमात से आये लोगों को खुद प्रशासन के सामने आकर अपना टेस्ट करवाने व सहयोग देने को कहते तो बेहतर होता । दिलचस्प बात तो ये है कि बीजेपी धार्मिक उन्माद फैलाने वाली अपनी पार्षद के बचाव में उतर आई है।
बीजेपी प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने कहा है कि सोशल मीडिया में लगातार कोरोना के खिलाफ प्रतिक्रिया आ रही है, लोग अपने-अपने भाव प्रकट कर रहे है। ऐसे में कोरोना फ़ैलाने वाले लोगों के ऊपर FIR दर्ज होना चाहिए, न कि महिला पार्षद के खिलाफ। यह प्रशासन के ऊपर सवाल खड़ा करता है।