संपूर्ण देश के अंदर कोरोना वायरस महामारी को रोकने के लिए लॉक डाउन का ऐलान देश के प्रधानमंत्री द्वारा किया गया था। जिसके बाद कई राज्यों में कारोबार ठप हो गए। राज्यों के अंदर फैक्ट्री कारखाने बंद हो गए हैं। जिसके चलते लाखों करोड़ों लोग बेरोजगारी की चपेट में आए हैं।
सर्वे के द्वारा जो आंकड़े आए हैं वह बेहद चौका देने वाले हैं। 42% लोगों के पास राशन नहीं बचा है। 83% लोग जो अन्य राज्यों से दिल्ली व अन्य बड़े राज्यों में रोजगार को लेकर रह रहे थे। उनका रोजगार लव डाउन के चलते खत्म हो गया है।
3196 बाहर से आए मजदूरों से बात करने पर पता चला कि 21 दिन के लोग डाउन ने मजदूरी तबके के लोगों को बेरोजगारी की खाई में ढकेल दिया है। 92% से ज्यादा लोग लोग डाउन से गरीबी की चपेट में आए हैं। यह वह लोग हैं जो छोटी फैक्ट्रियों कारखानों इत्यादि से जुड़े थे।
एनजीओ जन साहस द्वारा टेलिफोनिक सर्वे किया गया जो नॉर्थ और सेंट्रल इंडिया का सर्वे था। इसके बाद जानकारी निकलकर आई कि 42% लोगों के पास घरों में राशन नहीं बचा है। और लोग डाउन के चलते इन लोगों को अपने भविष्य की बहुत चिंता है। कैसे मिलेगा रोजगार कैसे मिलेगा राशन कैसे करेंगे जिंदगी व्यतीत। इसमें 66% मजदूर तबका है, जो अपनी दिनचर्या के लिए छोटे-मोटे कारोबारी व फैक्ट्रियों में काम करते थे और आज लॉक डाउन के चलते सब बंद हो गया है। और एक बहुत बड़ा धक्का आर्थिक स्थिति को लगा है।