अब्बास हाफ़िज़ पॉलीटिकल एक्टिविस्ट :
दिल्ली निजामुद्दीन में जमात मरकज़ इस समय की सुर्खियों में बना हुआ है। मरकज में जमा हुए लोगों के बारे में मीडिया तरह तरह की बातें कर रही है।
पॉलीटिकल एक्टिविस्ट अब्बास हाफिज का कहना है की निजामुद्दीन मरकज को मीडिया हाईलाइट कर जो जमीनी सच्चाई है उसको छुपाने की कोशिश कर रही है। 13 मार्च 2020 से पहले सरकार द्वारा यह कहा गया था कि कोरोना वायरस से भारत को कोई खतरा नहीं है। जिसके बाद 19 तारीख को देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा यह कहा गया था कि यह बहुत गंभीर समस्या बन सकती है कृपया सोशल डिस्टेंसिंग रखी जाए।
अब्बास हाफिज के अनुसार बीजेपी मध्य प्रदेश की सरकार गिराने के कारण लोगों का हुजूम इकट्ठा हुआ और सरकार बनाई। और जो जमीनी हकीकत है उसको मीडिया छुपाने की कोशिश कर रही है। अब्बास हाफिज का कहना है की लॉक डाउन के बाद जो देश के गरीबों की हालत हुई है उसको छुपाने के लिए यह सब किया जा रहा है।
अब्बास हाफिज का कहना है की निजामुद्दीन मरकज में ढाई हजार लोग थे जिसमें से 15 से लोगों को निकाल दिया गया था और 1000 लोग रह गए थे। जिसकी सूचना क्षेत्रीय थाना एसएचओ को दी गई और निवेदन किया गया कि पास का रेंज मेंट कर गाड़ी से अपने अपने घरों को भेज दिया जाए। क्षेत्र एसीपी और डीसीपी को भी इस बारे में अवगत कराया गया था। स्थानीय एसडीएम और डीएम को भी अवगत कराया गया था जिसके बाद दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के तरफ से कोई भी सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया।
और अब मीडिया के द्वारा निजामुद्दीन मरकज को एक गलत शक्ल दिखा कर दुनिया के सामने पेश किया जा रहा है। अब्बास हाफिज के मुताबिक अस्पतालों में कोई व्यवस्था नहीं है ना मरीजों के लिए ना ही डॉक्टरों के लिए बेरोजगारी बढ़ी है गरीबों पर जुल्म हो रहा है इस सब के ऊपर पर्दा डालने के लिए एक बीमारी को भी हिंदू मुसलमान का रंग दिया जा रहा है।
अब्बास हाफिज ने एक वीडियो जारी कर लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया उनका दावा है कि सरकार अपनी खामियों को छुपाने के लिए निजामुद्दीन मरकज को एक दूसरी दिशा में मीडिया द्वारा प्रस्तुत कर रही है।