दिल्ली: लॉक डाउन के चलते, झपटमारो के हौसले बुलंद


दिल्ली:


लॉक डाउन के चलते जहां पूरे देश में जनता से अपील की जा रही है कि वह अपने अपने घरों में रहे। ‌ वहीं सड़कों और मुहल्लों को खाली भी देखा जा रहा है। साथ ही पुलिस बल अन्य सुरक्षा बल भी कई जगहों पर तैनात हैं। व स्थानीय अमन कमेटी अभी नॉक डाउन का पालन करने हेतु सड़कों पर देखी जा रही है। 



इस सबके चलते राजधानी दिल्ली के उत्तर पूर्वी क्षेत्र नंद नगरी में पाया गया है कि नंद नगरी में झपटमारी की वारदातें बढ़ती दिख रही हैं। जहां संपूर्ण देश लॉक डाउन के चलते अपने अपने घरों में है, वहीं अब झपटमार लोगों की कीमती चीजों को स्नैच करते देख रहे हैं।


10 अप्रैल 2020 शाम 8:00 बजे दिल्ली उत्तर पूर्वी क्षेत्र के नंद नगरी ई ब्लॉक एमसीडी स्कूल के पास से एक पत्रकार के फोन को झपटने का प्रयास किया गया। उत्तर पूर्व का नंद नगरी क्षेत्र जहां पर नशे के विक्रेता काफी सक्रिय देखने को मिलते हैं। वही झपट मारी की वारदातें भी अब सामने आने लगी है। अपने स्तर पर पड़ताल करने के बाद रास्ते में मौजूद सरकारी सीसीटीवी कैमरों में रिकॉर्डिंग चेक करने के दौरान स्नैचर को देखा गया। परंतु कुछ दूरी के बाद कोई भी सीसीटीवी कैमरा ना होने की वजह से स्नैचर को ट्रेस करना मुश्किल हो गया।



क्योंकि लॉक डाउन के चलते पुलिस की गश्त भी काफी ज्यादा है जिसके चलते चार से पांच बार पुलिस ने पूछताछ की परंतु जब हमने पुलिस से ही पूछा कि वारदात होने के बाद आप इस क्षेत्र में कैसे देखते हैं अपराधियों को, तो पुलिस की तरफ से मिला जवाब बहुत आश्चर्यजनक था पुलिस जीप में बैठे पुलिसकर्मी ने यह कहा की (हम नहीं पकड़ पाते ऐसे चोरों को) जब उसको यह बताया गया कि हम मीडिया से हैं, तब वह थोड़ा घबराया और कहा अब भाई साहब क्या करें जब सीसीटीवी कैमरे ही मौजूद नहीं है तो चोर को कैसे देखा जा सकता है और कैसे कारवाही करी जा सकती है। दिल्ली पुलिस से इस तरह के जवाब की अपेक्षा नहीं की थी।


इस घटना की सूचना 11 अप्रैल 2020 को क्षेत्रीय थाना नंद नगरी में दी गई और एसएचओ द्वारा यह आश्वासन दिया गया कि स्नैचर का हम जल्द ही पता करेंगे। और ऐसी स्थिति में झपट मारी की वारदातें नहीं होनी चाहिए थी इसको संज्ञान में लेकर हम कड़े कदम उठाएंगे।


परंतु इस घटना के बाद यह चीज साफ हो गई है कि पुलिस की इतनी कड़ी निगरानी के बाद और देश में लॉक डाउन के बावजूद भी जो अपराधी हैं, उनके हौसले पस्त नहीं है। उल्टा उनके हौसले और बुलंद हुए हैं।


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