*आशू यादव की कलम कानपुर से गाजीपुर, उत्तर प्रदेश*
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*सभी पत्रकार भाई के लिये एक पोस्ट, हमें गर्व की हम पत्रकार है।*
*स्कूल बंद हो गए।*
*ऑफिस बंद हो गए।*
*मॉल खाली हैं ।*
*समारोह तक रदद्।*
*उड़ानें जम गई,।*
*अर्थव्यवस्था नीचे की ओर।*
*यहां तक कि अंतरराष्ट्रीय सीमाएं भी बंद हो गईं ।*
*लोग एक-दूसरे को देखकर सहम जाते हैं।*
*छूना भूल जाते हैं ।*
*लेकिन, पत्रकारों के कार्यालय अभी भी खुले हैं। क्षेत्र में सभी के बीच जा रहे हैं। सभी का हाल जान रहे हैं। अगर आपको सर्दी, खांसी और बुखार है तो भी हम संकोच नहीं करते, और न ही 3 मीटर दूर हट जाते हैं।.*
*हॉस्पिटलों में जाकर देख रहे हैं मरीज को सही इलाज मिल रहा है या नहीं।*
*एकमात्र समुदाय जो सबसे अधिक जोखिम में है, कोई सुविधा नहीं।*
*फिर भी पीछे नहीं हट रहा है पत्रकार।*
*हमें गर्व है पत्रकार होने पर।*
*मेरे एक पत्रकार सा थी ने भेजा *है।मुझे भी अपने पत्रकार *साथियों पर गर्व है जो अपना *फर्ज बाखूबी*
*निभा रहे हैं।*🙏🏻
*आशू यादव की कलम कानपुर से गाजीपुर, उत्तर प्रदेश*