*कानपुर ब्रेकिंग न्यूज़ बड़ी खबर आ रही*
*आशू यादव की कलम कानपुर से खास रिपोर्ट उत्तर प्रदेश, कानपुर*
*फांसी पर लटकाये गए निर्भया के दोषी, सात साल बाद मिला न्याय*
*उत्तर प्रदेश दिल्ली ब्रेकिंग*
*फांसी पर लटकाये गए निर्भया के दोषी, सात साल बाद मिला* *न्याय*
- *March 20, 2020018*
*आशू यादव की खास रिपोर्ट।*
*दिल्ली। कहा जाता है कि अगर संघर्ष मन से किया जाय, तो* *सफलता जरूर मिलती है। और यह कर दिखाया है, निर्भया की माँ ने। घटना के लगभग 07 वर्ष 03 माह बाद आरोपियों को फांसी के फंदे पर लटकवाने का रास्ता साफ होने पर निर्भया की माँ ने कहा कि आज मेरी बेटी की आत्मा को संतुष्टि मिलेगी। अपनी दृण इच्छा शक्ति से लगातार फांसी की सजा को दिलवाने के लिए संघर्ष कर रही, निर्भया की माँ ने यह स्पष्ट कर दिया है, कि मन से लगातार न्याय के लिए संघर्षरत रहने पर न्याय जरूर मिलता है।*
*रात की सुनवाई मे भी सुप्रीम* *कोर्ट मे याचिका हुई खारिज*
*फांसी के सजा पाए निर्भया के* *गुनहगार आखिरकार सात साल, तीन महीने और तीन दिन बाद अपने अंजाम पर पहुंचें। निर्भया के चारों दोषियों को शुक्रवार तड़के 5:30 बजे तिहाड़ जेल में फांसी पर लटका दिया गया। पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया के दोषियों की ओर से फांसी टलवाने के लिए दायर याचिका बृहस्पतिवार को खारिज कर दी थी। जिसके बाद दोषियों के वकील ने फांसी की सजा पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने की बात कही थी।दोषियों के वकील ने फांसी की सजा को रोकने के लिए आधी रात को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। सुप्रीम कोर्ट ने आधी रात मे ही चारों दोषियों की याचिकाओं पर सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने चारों में से एक दोषी पवन गुप्ता की याचिका खारिज कर दी। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि फांसी रोकने का कोई आधार नजर नहीं आता है।*
*फांसी के दिन अंतिम समय मे *मिलने का नहीं मिला वक्त*
*याचिका खारिज होने के बाद दोषियों के वकील एपी सिंह ने* *अदालत से दोषियों को उनके परिजनों से अंतिम बार मिलने के लिए 5 से 10 मिनट का समय देने का अनुरोध किया। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दखल देने से इनकार करते हुए कहा कि इसे सॉलिसिटर जनरल देखेंगे। वहीं, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि जेन के नियम इसकी इजाजत नहीं देते हैं और यह दोनों पक्षों के लिए दुखद होगा। और मिलने की इजाजत नहीं दी गयी। और रात को निर्धारित प्रक्रिया के आधार पर जेल मे फांसी की तैयारियों को अंजाम दिया जाने लगा।*
*आरोपियों को फांसी *मिलने पर बेटी को मिला इंसाफ*
*वहीं जब सुप्रीम कोर्ट मे याचिका दाखिल की गयी तो, निर्भया के माता-पिता भी सुप्रीम कोर्ट पहुंच* *गए। करीब सात साल से इंसाफ की बाट जोह रही निर्भया की मां ने कोर्ट मे पहुँच कर कहा कि जब तक दोषियों को फांसी नहीं हो जाएगी, वह सुप्रीम कोर्ट से वापस नहीं जाएंगी। सुप्रीम कोर्ट द्वारा दोषियों की याचिका खारिज होने के बाद निर्भया की मां ने संतोष जताया। उन्होंने कहा, ‘मैं संतुष्ट महसूस कर रही हूं क्योंकि अंतत: हमारी बेटी को इंसाफ मिल गया है। पूरा देश इस अपराध की वजह से शर्मसार था, आज देश को इंसाफ मिला है।*’
*फांसी की दया याचिका खारिज *होने पर दोषी की पत्नी हुई *बेहोश*
*पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई के बाद कोर्ट ने चारों दोषियों की* *डेथ वारंट पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। और उधर पवन की नाबालिग होने की क्यूरेटिव याचिका भी खारिज कर दी गई थी। इसी बीच पटियाला कोर्ट के बाहर दोषी अक्षय की पत्नी पुनीता देवी बेहोश हो गईं। कोर्ट काम्प्लेक्स में वे अचानक गश खाकर गिर पड़ीं, इसके बाद कुछ लोगों द्वारा दौड़कर उन्हें उठाया गया। दरअसल, दोषी अक्षय ने अपनी पत्नी पुनीता से तलाक लेने के लिए अर्जी डाली थी, लेकिन पुनीता सुनवाई में नहीं पहुंचीं. अक्षय की पत्नी पुनीता ने भी बिहार के एक कोर्ट में तलाक की अर्जी डाली हुई है। कोर्ट के पारिवारिक न्यायालय में गुरुवार को ही सुनवाई होनी थी, लेकिन पुनीता देवी सुनवाई के वक्त वहां नहीं पहुंची, ऐसे में सुनवाई को 24 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया गया।*
*क्या कुछ हुआ फांसी दिये जाने के ठीक पहले*
*01- तिहाड़ जेल के जेल नंबर 03 से अन्य कैदियों को अन्य स्थान पर भेजा गया।*
*02- तिहाड़ जेल के बाहर भारी मात्रा मे पैरामिलिट्री फोर्स तैनात।*
*03- दोषियों का मेडिकल चेकअप कराया गया। जिसमे सभी ठीक पाये गए।*
*04- दोषियों को पहनने के लिए नए कपड़े दिये गए, जिसे पहनने के लिए दोषियों ने किया इंकार।*
*05- दोषियों को नाश्ता करने के लिए भी दिया गया वक्त।*
*06- दोषियों को पुजा के लिए 10 मिनट का दिया गया वक्त।*
*07- दोषियों बैरक से निकाल कर सुरक्षा कर्मियों द्वारा फांसी घर ले जाया गया।*
*08- निर्भया के दोषी फांसी घर पहुंचे।*
*09- फांसी घर मे निर्भया के दोषियों को फांसी देने वाला जल्लाद पवन सभी तैयारियों के साथ पहले से ही मौजूद था।*
*10- फांसी के तख्ते पर खड़ा करके चारो आरोपियों के हाथ और पैर बांधे गए।*
*11- चारो दोषियों को बारी बारी से कोर्ट का वारंट पढ़ कर सुनाया गया।*
*12- फांसी के तख्ते पर खड़े चारो आरोपियों के मुंह पर काला कपड़ा बांधा गया।*
*13- आरोपियों के गले मे फांसी का फंदा पहनाया गया।*
*14- फांसी के तख्ते पर खड़े चारो आरोपियों के लिए जल्लाद द्वारा निर्धारित समय पर अधिकारियों द्वारा दिये जाने वाले इशारे का इंतजार*
*15- ठीक 05 बजकर 30 मिनट पर अधिकारी का इशारा पाकर जल्लाद द्वारा फांसी के फंदे पर आरोपियों को झुलाया गया।*