भारत के दरियादिल पूंजीपति विप्रो के संस्थापक अजीम प्रेमजी ने किये 50 हज़ार करोड़ रुपये दान, किए ।
28/03/2020 मो रिजवान
हमारे देश में एक से बढ़कर एक पूंजीपति हैं, हालांकि हमारे देश की आम जनता भी कुछ कम नहीं है. जब कभी हमारे देश के नागरिकों पर परेशानी आती है, तो वैसे भी अलग-थलग रहने वाले सभी देशवासी एक हो जाते हैं. यह सब लोग एक दूसरे की मदद करने के लिए अपना जी जान लगा देते हैं.
दोस्तों यह तो हुई आम नागरिकों की बात, अब बात करते हैं कुछ ऐसी जानी मानी हस्तियों की, जो अपनी भारी-भरकम आय का एक मोटा हिस्सा चैरिटी करते हों. यह देश ऐसे लोगों से भरा पड़ा हुआ है. इनमे से कई लोग तो ऐसे हैं, जिनके नाम कभी सामने नहीं आते.
देश में कोई नहीं अजीम प्रेमजी जैसा दानी
अगर दान करने और चेरिटी पर खर्चा करने में अडानी और अंबानी से तुलना की जाए तो विप्रो के संस्थापक, ‘अजीम प्रेमजी’ का नाम सबसे ऊंचा जाना जाता है. आपको बता दें कि अजीम प्रेमजी भारत रत्न के भी हकदार हैं. वह अब तक तकरीबन 50,000 करोड़ रुपए से भी ज्यादा पूंजी दान में दे चुके हैं.
अजीम प्रेमजी भारत के सबसे अमीर भारतीयों में से दूसरे नंबर पर आते हैं, ऐसा नहीं है कि अजीम प्रेमजी ने एक ही बार दान दिया हो. उन्होंने अपने जीवनकाल में सफलता का शिखर छूने के बाद सिर्फ गरीब और ज़रूरतमंदों के काम के लिए अपना समय और पूँजी दोनों दी हैं.
50 हज़ार करोड़ से भी अधिक पूँजी दान दे चुके हैं अजीम प्रेमजी
मीडिया के अनुसार अजीम प्रेमजी अब तक, अपनी कंपनी के 34% शेयरों की हिस्सेदारी को दान कर चुके हैं. आपको बता दें कि यह रकम आज के हिसाब से 21 बिलियन डॉलर जितनी होती है. इनके बारे में डॉक्टर अर्पित हल्दिया ने भी ट्वीट किया है.
उन्होंने लिखा है कि क्या मैं सही सुन रहा हूं अजीम प्रेमजी ने 34% विप्रो के शेयरों को दान कर दिया है जिनकी अनुमानित कीमत 50,000 करोड़ रुपए से अधिक है. यह उनके पूँजी का कुल मूल्य 1,45,000 करोड या 21 बिलीयन डॉलर के बराबर है.
हालांकि भारत में एक से बढ़कर एक पैसे वाले लोग हैं, लेकिन जिस तरह अजीम प्रेमजी अपने पैसे की चैरिटी करते हैं उतना तो शायद कोई सोच भी नहीं सकता. विप्रो के संस्थापक अजीम प्रेमजी एक साधारण जीवन जीने वाले लो प्रोफाइल लेकिन सोने का दिल रखने वाले गजब के व्यक्ति हैं.
इनके चैरिटी पर शशि शंकर जी ने भी ट्वीट किया है कि अजीम प्रेमजी भारत के बिल गेट्स हैं. जो बिना किसी शोर-शराबे के एक महान सेवा कर रहे हैं, उन्हें मेरा सलाम.
हालांकि 2014 से लेकर अब तक नजर डाली जाए तो 10 करोड़ या इससे अधिक के दान देने वाले पूंजी पतियों की संख्या में 4 फ़ीसदी गिरावट आई है, वहीं इस दौरान अमीर लोगों की संख्या भी लगातार बड़ी है.
एक रिपोर्ट के अनुसार 2022 तक देश में ऐसे पूंजी पतियों की संख्या 1 लाख 60 हज़ार परिवारों से बढकर ये संख्या दुगनी हो जाएगी जो कि 3 लाख 50 हज़ार करोड़ तक हो सकती है.
हालांकि यह पहली बार नहीं है कि देश में संकट के समय अजीम प्रेमजी ने अपने मदद के हाथ आगे किये हों. दूसरों की मदद करने के मामले में अजीम प्रेमजी का कोई तोड़ नहीं.
उन्होंने अपना व्यापार जमाने के लिए संघर्ष के दिनों में जी तोड़ मेहनत की और एक सफल उद्यमी के तौर पर विदेशों में अपने झंडे गाड़े. हम कामना करते हैं भारत को ऐसे और अजीम प्रेमजी मिलें, जो दूसरों की मदद करने में एक पल के लिए भी नहीं सोचते.