अब यस बैंक भी डूबा! पप्पू यादव बोले- चिंता न करें, मोदी मंत्र का जाप करें, दर्द का अहसास नहीं होगा

अब यस बैंक भी डूबा! पप्पू यादव बोले- चिंता न करें, मोदी मंत्र का जाप करें, दर्द का अहसास नहीं होगा


नई दिल्ली: निजी क्षेत्र के यस बैंक पर रिजर्व बैंक ने कड़े प्रतिबंध लगा दिए हैं । यस बैंक के ग्राहक अब एक महीने में 50 हजार से ज्यादा की रकम नहीं निकाल सकेंगे । बैंक का बोर्ड आफ डायरेक्टर भी भंग हो चुका है ।


पहले हुआ था 629 करोड़ रुपये का एकीकृत घाटा
संपत्ति की गुणवत्ता में गिरावट आने के कारण यस बैंक को सितंबर तिमाही में एकीकृत आधार पर 629.10 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। बैंक को पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 951.47 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था । इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भी बैंक को 95.56 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था ।


बैंक की परिसंपत्ति की गुणवत्ता में इस दौरान भारी गिरावट देखने को मिली है। बैंक की समग्र गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) 1.60 प्रतिशत से बढ़कर 7.39 प्रतिशत पर पहुंच गयी थी। शुद्ध एनपीए भी 0.84 प्रतिशत से बढ़कर 4.35 प्रतिशत पर पहुंच गया था।


बैंक ने कहा कि एनपीए के लिये किया जाने वाला प्रावधान 942.53 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,336.25 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। बीएसई (बांबे स्टाक एक्सचेंज) में बैंक का शेयर 5.46 प्रतिशत गिरकर 66.6 रुपये पर आ गया है।


महाराष्ट्र कापरेटिव बैंक पर भी लग चुके हैं प्रतिबंध


यस बैंक से पहले रिजर्व बैंक ने अन्य निजी क्षेत्र के बैंक पर प्रतिबंध लगाए हैं । रिजर्व बैंक ने महाराष्ट्र एंड कापरेटिव बैंक पर भी नियमों के उल्लंघन के कारण प्रतिबंध लगाए गए थे । आरबीआई ने यह कार्रवाई बैंकिग रेलुगेशन एक्ट, 1949 के सेक्श न 35ए के तहत की थी। प्रतिबंध के चलते बैंक में कोई नया फिक्सेड डिपॉजिट अकाउंट खुलने पर पाबंदी लगा दी गई । इसके अलावा बैंक के नए लोन जारी करने पर भी रोक लगा दी गई है। यही नहीं, बैंक के ग्राहक अगले 6 महीने तक 1000 रुपये से अधिक पैसा नहीं निकाल सकेंगे ।


स्टेट बैंक ने दिया साथ देने का भरोसा


स्टेटट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) बोर्ड ने संकट से जूझ रहे यस बैंक में निवेश के लिए ‘सैद्धांतिक’ स्वीकृति दे दी है । एसबीआई के केंद्रीय बोर्ड ने गुरुवार को एक बैठक में मामले पर चर्चा की । गुरुवार देर शाम एसबीआई बोर्ड ने शेयर बाजारों को सूचित किया, ‘यस बैंक से संबंधित मामले पर गुरुवार को बैंक के केंद्रीय बोर्ड की बैठक में चर्चा की गई और बोर्ड ने बैंक में निवेश अवसर तलाशने के लिए सैद्धांतिक रूप से मंजूरी दे दी है।’


वहीँ यस बैंक संकट पर बिहार के नेता और जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष पप्पू यादव ने ट्विटर पर लिखा- यस बैंक भी डूब गया। कोई फिक्र नहीं, भले अपना ही रुपया महज़ 50 हज़ार ही निकाल सकते हैं। पर मोदी है तो मुमकिन है मंत्र का जाप करें दर्द का अहसास ही नहीं होगा। नफरत की खेती लहलहा रही है तो फिर चिंता क्यों करें! पॉलिटिक्स जिन्दाबाद! हिन्दू-मुस्लिम को लड़ाते रहें, चुनावी फसल काटते रहें।


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