*तीन साल में 338 किमी का विद्युतीकरण पूरा*
*कानपुर से मथुरा तक इलेक्ट्रिक लाइन का काम पूरा ..*
*कानपुर से मथुरा तक इलेक्ट्रिक इंजन वाली ट्रेनें मई-जून तक चल सकती हैं। कानपुर से मथुरा के बीच चल रहे विद्युतीकरण का आखिरी चरण भी बुधवार को पूरा हो गया। फर्रुखाबाद से कन्नौज तक 58 किलोमीटर के बचे रेल खंड का काम पूरा करने के बाद बुधवार को रेल संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) मोहम्मद लतीफ खान ने इज्जतनगर बरेली के डीआरएम दिनेश सिंह के साथ विशेष इलेक्ट्रिक ट्रेन से 115 किमी की स्पीड से ट्रैक का निरीक्षण किया।*
*यह निरीक्षण 40 मिनट में पूरा हुआ। मई से कानपुर से फर्रुखाबाद तक मेेमू ट्रेन के चलाने की प्रस्ताव भी है। कानपुर के कल्यानपुर स्टेशन से कन्नौज के बीच रेल लाइन विद्युतीकरण का काम पूरा होने के बाद पिछले साल सीआरएस ने निरीक्षण कर ट्रैक का फिट बताया था।*
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*मेमू चलेेंगी, दिल्ली रूट की ट्रेनें डायवर्ट होंगी*
*अब कानपुर से कन्नौज और फर्रुखाबाद तक इलेक्ट्रिक इंजन वाली ट्रेनें और मेमू चल सकेंगी। मथुरा तक इलेक्ट्रिफिकेशन का काम पूरा होने के बाद दिल्ली-हावड़ा रूट की कई ट्रेनों को इस मार्ग से ही चलाया जाएगा। इन दिनों कोटा-पटना एक्सप्रेस, इलाहाबाद-जयपुर एक्सप्रेस जैसी ट्रेनें अस्थायी रूप से अनवरगंज-कन्नौज-फर्रुखाबाद होकर चलाई जा रही हैं। ऐसे में इन ट्रेनों समेत करीब एक दर्जन से अधिक ट्रेनें शुरुआती चरण में इसी मार्ग से चलाई जाने लगेंगी।*
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*इससे दिल्ली-हावड़ा रूट का लोड कम होगा। राजस्थान, गुजरात जाने वाली ट्रेनों के लिए यह इलेक्ट्रिक रूट सबसे उपयुक्त रूट होगा। कानपुर को आसपास के शहरों को जोड़ने के लिए मेमू चलाने की योजना के तहत अब फर्रुखाबाद तक मेमू चलने लगेंगी। जानकारी के मुताबिक मई या जून से कानपुर से कोई मेमू फर्रुखाबाद तक चल सकती है।*
*नेकपुर चौरासी पुल पर काशन से गुजरेंगी ट्रेनें*
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*निरीक्षण के बाद सीआरएस ने पत्रकारों को बताया कि ट्रायल सफल रहा। नेकपुल चौरासी पुल पर इलेक्ट्रिक ट्रेन कॉशन देकर निकाली जाएगी। इस रेल खंड के 338 किमी विद्युतीकरण करने के लिए 2016-17 में स्वीकृति के बाद 432.99 करोड़ रुपये जारी किए गए थे। रेल संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) ने 29 मार्च 2019 को मथुरा से मेंडू 48 किमी, 14 मई 2019 को मेंडू से दरियावगंज 108 किमी, दरियावगंज से फर्रुखाबाद 56 किमी और 20 अगस्त 2019 को कन्नौज से कल्याणपुर 68 किमी के रेल खंडों का निरीक्षण कर फिटनेस दी थी।*