देश में जब भी महिलाओं की बात आती है तो एक प्रश्न चिन्ह समाज के ऊपर जरूर लगता है और साथ ही सुरक्षा कर्मी भी गहरे में आते हैं।
देश की राजधानी दिल्ली में स्थित गार्गी कॉलेज की घटना जहां पर छात्रों का फीस्ट मनाया जा रहा था उसी दौरान सैकड़ों की तादात में पुरुष गेट को फंद के और अन्य जगहों से दीवारों पर चढ़कर कॉलेज के परिसर में दाखिल हुए।
छात्रों का कहना है कि बिना पास के सैकड़ों की तादाद में कॉलेज परिसर में दाखिल हुए। पुरुष शब्द इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि अधिकतर आयु 30, 35 साल से ऊपर रही होगी, जिस समय पुरुष गेट और दीवारों के ऊपर चढ़कर कॉलेज परिसर में घुस रहे थे वही सुरक्षा बल तैनात तमाशबीन बने देखते रहे।
छात्राओं का कहना है की कॉलेज परिसर में दाखिल होने के बाद जो पूरा माहौल था वह किस तरह बिगड़ गया है खुले में शराब धूम्रपान अश्लील कमेंट यहां तक के कुछ मनचलों ने शरीर के इधर-उधर पार्ट्स पर भी छुआ है जिसके बाद अपनी जान बचाना बहुत भारी हो गया था।
छात्राओं ने सुरक्षा को लेकर एक प्रश्न चिन्ह लगाया है वह छात्रों का कहना है कि जब देश की राजधानी दिल्ली में कॉलेज परिसर के अंदर छात्र सुरक्षित नहीं हैं तो सरकार क्या ही समाज में रहने वाली महिलाओं व लड़कियों को सुरक्षा प्रदान कर पाएगी।
छात्रों का आक्रोश कॉलेज की प्रधान पर भी है जिन्होंने इस पर कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की बल्कि इस पूरे हादसे को मीडिया व समाज से छुपाने का प्रयास किया गया 6 फरवरी 2020 को यह घटना घटित हुई जिसके 3 दिन के बाद 9 फरवरी 2020 को यह वारदात सार्वजनिक तौर पर मीडिया व समाज के सामने आई है वह भी जब छात्राओं ने इसे सोशल मीडिया वह समाज में प्रस्तुत किया व अपना आक्रोश जाहिर किया।
गार्गी कॉलेज की यह वारदात समाज सुरक्षा कॉलेज प्रशासन सरकारी प्रतिष्ठानों पर अपने आप में एक बहुत बड़ा सवाल खड़ा करती है, की कॉलेज परिसर के क्या इंतजाम थे? सुरक्षाबलों ने समय रहते कोई कार्यवाही क्यों नहीं की? किसने उन पुरुषों को वहां आने का निमंत्रण दिया? और इतना सब कुछ करने के बाद तमाम लड़कियों को प्रताड़ित करने के बाद उन पर क्या ही कार्यवाही होगी, यह अपने आप में कई बड़े सवाल है। अभी तक धरना प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर लाठियां तोड़ी गई थी और बर्बरता की गई, अब कॉलेज परिसर में महोत्सव मनाने वाली छात्राओं के साथ भी दुर्व्यवहार किया गया।
इस तरह की वारदातें महिला की सुरक्षा व महिलाओं के प्रति समाज का नजरिया दर्शाती है देश के अंदर बातें बड़ी-बड़ी कितनी ही कर ली जाए लेकिन ऐसी वारदातें समाज को सच्चाई का आइना दिखाती हैं।