30 नवंबर को रामलीला मैदान में होने वाली भीम रैली में ज़्यादा भीड़ होने के कारण अनुमति रद्द


नई दिल्ली, 25 नवंबर, 2025


30 नवंबर को रामलीला मैदान में होने वाली भीम रैली में ज़्यादा भीड़ होने के कारण अनुमति रद्द



डॉ उदित राज, पूर्व सांसद और चेयरमैन- दलित, ओबीसी, माइनॉरिटीज और आदिवासी संगठनों का परिसंघ (डोमा परिसंघ) ने कहा कि रामलीला मैदान में भीम रैली के लिए आवेदन किया। दिल्ली पुलिस ने भारी भीड़ जुटने और हाई अलर्ट का हवाला देते हुए अनुमति देने से इनकार कर दिया है। हम पूर्व में करीब ऐसे बीस कार्यक्रम कर चुके हैं, तब कभी भी भारी भीड़ को कारण बताते हुए अनुमति रद्द नहीं की गई। रामलीला मैदान का स्थल भीड़ जुटाने के लिए ही है । लगता है डॉ अंबेडकर के नाम से घृणा है। 


भीम शब्द से बीजेपी को अंदरूनी रूप से भयंकर नफ़रत है। दूसरा कारण संविधान और वोट बचाने जैसे मुद्दे से भारी असहमति है । इनके अतिरिक्त जो अन्य मुद्दे, जैसे - संविधान बचाना, आरक्षण की सीमा 50% से बढ़ाना, वोट चोरी को रोकना एवं बैलट पेपर से चुनाव, जाति जनगणना, वक़्फ़ बोर्ड में हस्तक्षेप को रोकना, निजीकरण पर रोक और उसमें आरक्षण, उच्च न्यायपालिका में आरक्षण, खाली पदों पर भर्ती, भूमि आवंटन, समान शिक्षा, ठेकेदारी प्रथा की समाप्ति, धार्मिक आजादी, सरकारी धन से चल रही परियोजनाओं में आरक्षण, किसानों को न्यूनतम मूल्य की गारंटी, आदिवासियों को जल, जंगल व जमीन से वंचित किए जाने से रोकने, पुरानी पेंशन की बहाली आदि से भी मोदी सरकार नफ़रत करती है।बिहार चुनाव के बाद हौसले और बुलंद हो गए हैं । 


बीजेपी ख़ुद न कहकर समर्थकों से दलित-ओबीसी विरोधी बाते कहलवा रही है जैसे मोदी जी के गुरु रामभद्राचार्य ने आरक्षण को जाति के आधार पर और दलित एक्ट को खत्म करने की बात कही है। सरकार के सहयोग से धीरेन्द्र शास्त्री हिंदू राष्ट्र बनाने की यात्रा कर रहे हैं। रैली की अनुमति न देने में ये भी कारण हैं क्योंक हमारी रैली संविधान और डॉ अंबेडकर के पक्ष में है।


4 जुलाई 2025 को एमसीडी ऑफिस में रैली करने के लिए आवेदन दिया गया था और एनओसी के लिए पत्र जारी हुआ जो डीसीपी ऑफिस में जमा किया गया। फर्स्ट कम फर्स्ट सर्व के नियम का उलंघन करते हुए दूसरे संगठन को 29-30 नवंबर के लिए एनओसी पुलिस ने दे दिया। जैसे ही हमे पता लगा तो उसका विरोध किया और फिर एमसीडी ऑफिस ने दुबारा एनओसी के लिए पत्र दिया और उसे डीसीपी ऑफिस में एनओसी के लिए जमा किया। पुलिस का इरादा था कि अंतिम दिन तक न बतायें, यह चाल हम समझ गए और बार बार संपर्क करने के बाद 24 नवंबर को अनुमति रद्द करने का आदेश मिला। इससे स्पष्ट हो जाता है कि किसी भी हाल में हमें रैली न करने देने का मन सरकार ने बना रखा था।

शाहदरा नॉर्थ ज़ोन में 60 स्थलों पर होगा सौंदर्यीकरण।

शाहदरा नॉर्थ ज़ोन में 60 स्थलों पर होगा सौंदर्यीकरण—रोहताश नगर के तिकोना पार्क से NFL ने दी अभियान को शुरुआत







नई दिल्ली

National Fertilizers Limited (NFL) ने अपने कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) कार्यक्रम के अंतर्गत शाहदरा नॉर्थ ज़ोन में व्यापक वॉल पेंटिंग एवं सौंदर्यीकरण अभियान का शुभारंभ रोहताश नगर स्थित तिकोना पार्क से किया। इस पहल का उद्देश्य सार्वजनिक स्थलों पर स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण और नागरिक जागरूकता को बढ़ावा देना है।




तिकोना पार्क में प्रारंभ हुआ यह कार्य स्थानीय निवासियों के बीच विशेष सराहना का विषय बना है। कलात्मक चित्रों और प्रेरक संदेशों ने पार्क को अधिक आकर्षक और शिक्षाप्रद रूप प्रदान किया है। NFL के इस अभियान के तहत शाहदरा नॉर्थ ज़ोन के कुल लगभग 60 स्थलों पर वॉल पेंटिंग एवं सौंदर्यीकरण कार्य चरणबद्ध रूप से किया जाएगा।


इस पहल में *CVO, National Fertilizers Limited तथा MCD शाहदरा नॉर्थ ज़ोन के पूर्व अतिरिक्त आयुक्त, श्री अमित कुमार शर्मा, IRS* की विशेष रुचि रही है, और उन्होंने अभियान की प्रगति पर निरंतर निगरानी रखते हुए इसके प्रभावी संचालन को सुनिश्चित किया है। इस अवसर पर उन्होंने कहा—






 _“स्वच्छ, सुव्यवस्थित और प्रेरणादायक सार्वजनिक स्थान किसी भी आधुनिक शहर की पहचान होते हैं। NFL का यह प्रयास नागरिकों में स्वच्छता और सामाजिक जागरूकता को मजबूत करने की दिशा में अत्यंत महत्त्वपूर्ण और अनुकरणीय पहल है।”_ 


स्थानीय समुदाय एवं क्षेत्रीय प्रतिनिधियों ने इस अभियान को *शहरी स्वच्छता तथा सौंदर्यीकरण का उत्कृष्ट मॉडल* बताया है। उनका मानना है कि ऐसे प्रयास न केवल सार्वजनिक स्थलों की छवि को बेहतर बनाते हैं, बल्कि नागरिक व्यवहार और सामाजिक चेतना में भी सकारात्मक परिवर्तन लाते हैं।


NFL की यह पहल कंपनी की सामाजिक उत्तरदायित्व के प्रति निरंतर प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जो स्वच्छ, सुरक्षित और प्रेरणादायक शहरी पर्यावरण के निर्माण में सार्थक योगदान देती है।

आर्थिक जन समृद्धि को-ऑपरेटिव अर्बन थ्रिफ्ट एंड क्रेडिट सोसाइटी लिमिटेड की वार्षिक सामान्य सभा संपन्न

आर्थिक जन समृद्धि को-ऑपरेटिव अर्बन थ्रिफ्ट एंड क्रेडिट सोसाइटी लिमिटेड की वार्षिक सामान्य सभा संपन्न


26अक्टूबर 2025

स्थान:- संजय कॉलोनी, गोकुलपुरी, दिल्ली


आर्थिक जन समृद्धि को-ऑपरेटिव अर्बन थ्रिफ्ट एंड क्रेडिट सोसाइटी लिमिटेड की वार्षिक सामान्य सभा आज गोकलपुरी स्थित सोसाइटी कार्यालय में उत्साहपूर्वक सम्पन्न हुई। सभा में बड़ी संख्या में सदस्य उपस्थित रहे। बैठक का शुभारंभ ईश्वर वंदना से हुआ




इस अवसर पर अमित कुमार शर्मा , IRS, आयकर आयुक्त एवं पूर्व अतिरिक्त आयुक्त (MCD) , एस पी सिंह , राम बिलास शर्मा , राकेश प्रधान आदि उपस्थित रहे।इस अवसर पर अमित शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि सहकारिता केवल एक आर्थिक व्यवस्था नहीं, बल्कि राष्ट्रीय भावना है, जो समाज के प्रत्येक वर्ग को जोड़ती है। 

उन्होंने कहा —

“ *थ्रिफ्ट और क्रेडिट सोसाइटी जैसी संस्थाएँ छोटी बचतों को बड़े बदलावों में बदलने की दिशा में कार्य कर रही हैं। आपकी हर छोटी बचत राष्ट्र की पूंजी निर्माण की एक ईंट है*”





उन्होंने आगे कहा कि भारत जैसे विविधता-पूर्ण देश में विकास तभी संभव है जब हर व्यक्ति अपने प्रयासों को साझा उद्देश्य से जोड़े। इसी भावना को सहकारिता साकार करती है — “साथ मिलकर बढ़ना, साथ मिलकर समृद्ध होना।”प्रधानमंत्री के विज़न “सहकार से समृद्धि” का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसी संस्थाएँ आर्थिक राष्ट्रवाद को सशक्त बना रही हैं। उन्होंने प्रबंधन समिति को पारदर्शिता, ईमानदारी और सामाजिक उत्तरदायित्व के लिए बधाई दी और कहा — “समाज का विकास केवल अंकों और खातों से नहीं, बल्कि विश्वास, सेवा और सहभागिता से होता है।”



कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिसमें सभी उपस्थित सदस्यों, अतिथियों और प्रबंधन समिति को सफल आयोजन के लिए धन्यवाद दिया गया।

दिल्ली नगर निगम कर्मियों ने उतारे कपड़े! महापौर ने कहा बातचीत ही है‌ समाधान।

 दिल्ली 


29 सितंबर से अनिश्चितकालीन धरना और क्रमिक भूख हड़ताल एमटीएस कर्मचारियों की दिल्ली नगर निगम मुख्यालय के बाहर चल रही है। कर्मचारियों की मांगों को जायज बताते हुए नगर निगम महापौर राजा इकबाल सिंह ने कहा हम अपने भाई बहनों के साथ हैं। 



एमटीएस कर्मचारियों द्वारा वस्त्र उतार कर प्रदर्शन कया गया। कर्मचारियों का साफ कहना है कि हमें 30 साल से केवल आश्वासन ही मिला है पर अब हम आरपार के लिए बैठे हैं। 


MTS कर्मियों का कहना है कि नगर निगम की मंशा नहीं लग रही है कि वह हमारी मांगो को मानने की नियत रखता है। आज हम अपने कपड़े उतारे हैं क्योंकि त्यौहार है और हमारे बच्चों के पास कपड़े तक नहीं है यह हमारे लिए काली दिवाली है। 



अगर बात करी जाए निगम में मौजूद राजनैतिक दल बीजेपी, आम आदमी पार्टी, कांग्रेस या इंद्रप्रस्थ विकास पार्टी सभी MST कर्मियों के हितैषी बन रहे हैं बीजेपी नेता सदन ने सदन में महापौर से 24 घंटे में कमेटी बना कर समाधान की बात कही पर कई दिन बीत जाने के बाद भी सब शून्य ही दिखाई दे रहा हैं।



वहीं महापौर का भी यही कहना है कि हम कर्मचारियों के साथ है। हमारी MTS कर्मियों के नेताओं से बात चल रही है कर्मचारियों को त्यौहार मनाना चाहिए बातचीत से ही समाधान निकलेगा। अब देखने वाली बात यह है कि MTS कर्मचारी को ओर कितने दिन सड़क पर बैठने पड़ेगा कब निष्कर्ष निकलेगा और दिल्ली वासियों को कब राहत मिलेगी।


रीना यादव, पुलिसकर्मी धर्मेंद्र और पुष्पा सोनकर की गुत्थी?

 कानपुर 


कई बार कुछ ऐसी घटनाएं होती हैं जिसकी गुत्थी सुलझाने का नाम नहीं लेती है और जब सुलझती है तो ऐसा पर्दाफाश होता है कि वह सोच से परे होता है। ऐसी ही एक अजीबोगरीब गुत्थी उत्तर प्रदेश के शहर कानपुर‌ से सामने आई है।



जिसमें पीड़ित महिला रीना यादव एक महिला पर कई आरोप लगा रही है जिसका नाम है पुष्पा सोनकर यह महिला बाहुबली भी है, दबंग भी है और ऐसी पकड़ की अच्छे अच्छे लोहा मानते हैं। 

क्या यह दावे हैं सही? पुलिस क्यों नहीं लेती संज्ञान? 


रीना यादव का आरोप है कि उसके पति धर्मेंद्र को जो की उत्तर प्रदेश पुलिस में कार्यरत है पष्पा सुनकर नाम की महिला ने अपने‌ कब्जे में कर रखा है। साथ ही रीना का यह कहना है कि उसके ऊपर हमला भी हो चुका‌ है और करने की धमकी भी मिलचकी है। 

रीनाक कहना है पुलिस से शकायत कर कोई कार्यवाही नहीं होती। क्या है इसका इतिहास? 


रीना यादव का कहना है की पुष्पासोनकर अलग-अलग क्षेत्र में अलग-अलग नाम से जानी जाती है। साथ ही वह अवैध धंधे चलती है और नशा भी बेचती है। पर सिस्टम में पकड़ इतनी मजबूत है की कुछ नहीं होता। शिकायत करने पर पुलिस सही रिपोर्ट नहीं लगती लगभग सभी थानों मे इसकी सेटिंग है। 



पीड़िता का आरोप है कि पुष्पा सनकर ने उसके पति का भी वीडियो बना कर रखा है और उसे ब्लैकमेल कर रही है। ₹500000 की भी मांग की गई है। पीड़िता का कहना है कि वह कई अधिकारियों औरनताओं को लड़कियां भी सप्लाई करती है। मेरे पास सबूत है पर यदि कोई अधिकारी इसकी जांच करे तो हो मै सबूत दूंगी क्योंकि चौकी ओर थाने में इसकी सेटिंग है। 


वर्षों से इन दावों के साथ महिला शहर में घूम रही है और यह एक ऐसी गुत्थी बन गई है जो सुलझने का नाम नहीं ले रही है। यह गुत्थी सुलझ पाएगी या नहीं यह अभी भी एक सवाल है। 

कानपुर मैं मेडिकल सेक्टर को बनाना होगा मजबूत! : डॉक्टर गोविंद त्रिवेदी

कानपुर


किसी भी शहर या देश की तरक्की में स्वास्थ्य सेवाएं अहम भूमिका अदा करती हैं। इसी के चलते उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर में मेडिकल सेक्टर पर डॉ गोविंद त्रिवेदी ने बताया कि कानपुर के मेडिकल सेक्टर को मजबूत करने की आवश्यकता है। 



वैसे तो डॉक्टर गोविंद त्रिवेदी 1990 से प्रैक्टिस कर रहे है और लाखों ऑपरेशन कर चुके हैं वह कानपुर के जानेमाने आर्थो सर्जन हैं। एक क्लीनिक के शुरुवात कर आज वेदांता हॉस्पिटल बना कर जनता को सेवाएं दे रहे हैं। 


डॉक्टर त्रिवेदी बताते हैं वह कानपुर को लेकर काफी सक्रिय रहे। वैसे तो कई देशों में काम किया पर कानपुर हमेशा दिल में रहा की अपने शहर में मेडिकल सेक्टर को कैसे मजबूत किया जाए? 


डॉक्टर गोविंद त्रिवेदी कहते हैं कानपुर कम से कम उत्तरप्रदेश में बेस्ट हो जाए। आज मेडिकल में कॉरपोरेट सेक्टर की मांग है लखनऊ में तो कई बड़े हॉस्पिटल गए पर कानपुर में एक रीजेंसी को छोड़ कर कोई बड़ा कॉरपोरेट नहीं है। हां यह गलत नहीं है कि इलाज थोड़ा महंगा हो जाता है पर कॉरपोरेट्स को भी थोड़ा कम बजट में कानपुर में स्टार्ट अप करना चाहिए। 



कानपुर में लीवर ट्रांसप्लांट , किडनी ट्रांसप्लांट नहीं हो रहा है कार्डियोलॉजी में भी गति काफी धीमी है एंडोस्कोपी ज़्याद नहीं हो रहीं। डॉक्टर त्रिवेदी बताते हैं कि 1990 में ट्रामा सेंटर वही लेकर आए पहले लोग मज़ाक उड़ते थे पर आज सभी ट्रामा सेंटर का लाभ उठा रहे हैं। 


डॉक्टर त्रिवेदी कहते हैं मेरी चाह है अपोलो , मेदांता , मैक्स जैसे कॉरपोरेट कानपुर में आए। या फिर 10 बड़े डॉक्टर आपस में बात कर एक प्वाइंट पर सहमत हो और जनता को लाभ पहुंचाएं। जैसे वेदांता में गायनी, लेप्रोस्कॉपी, न्यूरो, ICU डेवोपमेंट हुआ है,  मेक इन इंडिया से प्रभावित होकर वेदांता हॉस्पिटल को 80 बेड से 200 बेड का बनवाया। बस एक प्रयास है कानपुर का नाम रौशन होगा और मेडिकल सेक्टर मजबूत होगा। 

दिल्ली नगर निगम के एमटीएस कर्मचारी सड़कों पर! दिल्ली‌ के लिए खतरा।

दिल्ली 


दिल्ली नगर निगम में हजारों की संख्या में कार्य कर रहे एम.टी.एस (मल्टी टास्किंग स्टाफ) कर्मचारी धरने पर बैठ गए हैं। जिससे दिल्ली में डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया व अन्य बीमारियां पनप सकती है। 



दरअसल आपको बता दें कि यह पहले डी.बी.सी (डोमेस्टिक ब्रीडिंग चेकर) कर्मी थे। जो केवल कुछ माह के लिए नगर निगम में रखे जाते थे। जब डेंगू, मलेरिया का प्रकोप बढ़ता था तब दिल्ली नगर निगम इनका प्रयोग किया करता था। 


जिसके बाद कर्मचारियों के प्रयासों से इन्हें पूरे वर्ष के लिए नौकरी पर रखा गया पर तमाम कर्मियों का कहना है पहले दिल्ली नगर निगम में 3 जोन थे जिसके तहत सब कर्मियों को अलग अलग सैलरी पर रखा गया। अब, जब दिल्ली में नगर निगम एक हो गया है। तो MTS कर्मियों का कहना है कि सबको समान वेतन चाहिए जब सबका काम एक है तो सैलरी भी एक चाहिए। 



साथ ही अपनी 3 अहम मांगो को लेकर आज हजारों निगम के कर्मी निगम के मुख्यालय के बाहर हैं। एक समान वेतन, जो कर्मी मर गए उनके परिवार से एक सदस्य को नौकरी, मेडिकल छुट्टी, हफ्ते में एक छुट्टी इन तमाम मांगों को लेकर हजारों दिल्ली नगर निगम के कर्मी आज सड़क पर हैं। 



इस धरने में विपक्षी दल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी भी इनके साथ दिख रहा है चाहे नेता विपक्ष कांग्रेस दल से नाजिया दानिश हों या आम आदमी पार्टी से अंकुश नारंग सभी खुला समर्थन कर रहे हैं। 

देखने वाली बात यह है कि mts कर्मियों को हर बार की तरह आश्वासन मिल रहा है। पर कर्मियों का कहना है कि हम लिखित में आदेश चाहते हैं। वरना हमारी यह काली दिवाली होगी। 29 सितंबर 2025 से भूख हड़ताल पर बैठे हैं और अब कपड़े उतार कर प्रदर्शन करेंगे। 

Featured Post

30 नवंबर को रामलीला मैदान में होने वाली भीम रैली में ज़्यादा भीड़ होने के कारण अनुमति रद्द

नई दिल्ली, 25 नवंबर, 2025 30 नवंबर को रामलीला मैदान में होने वाली भीम रैली में ज़्यादा भीड़ होने के कारण अनुमति रद्द डॉ उदित राज, पूर्व सांस...